“कष्ट में हैं किसान”
कष्ट में हैं किसान !! जन्तर मन्तर पर धरना-प्रदर्शन कर रहे तमिलनाड़ु के किसानो की तस्वीरें आजकल अखबारो की सुर्खियाँ … Continue reading “कष्ट में हैं किसान”
कष्ट में हैं किसान !! जन्तर मन्तर पर धरना-प्रदर्शन कर रहे तमिलनाड़ु के किसानो की तस्वीरें आजकल अखबारो की सुर्खियाँ … Continue reading “कष्ट में हैं किसान”
कविता!! शीर्षक- “पहचान वाले लोग” मेरी गली में अपने घर के बाहर बैठा एक बूढ़ा आदमी, देखता है हर गुजरने … Continue reading “पहचान वाले लोग’
कविता शीर्षक- बूँद बूँद टपकता पानी….. बूँद- बूँद टपकता नल का पानी हथौडे सा लगता है मेरे दिलो-दिमाग पर, पूरी … Continue reading बूँद बूँद टपकता पानी..
सोपानिकी !! हर घर की एक दीवार के सहारे खड़ी बांस की सीढ़ी जिसमे लगा है हर डंडा एक निश्चित … Continue reading कविता- “सोपानिकी”
कैक्टस !! तनाव है चारो तरफ़ बाहर न यूँ जाया करो पहले दिखाओ आँखें फिर मुस्कुराया करो मतलबी ये दुनिया … Continue reading “कैक्टस”.. कविता
भूतों की बस्ती!! वीराने में भी मस्ती है ये भूतों की बस्ती है, जात नहीं और पात नहीं अपनों के … Continue reading “भूतों की बस्ती”.. कविता
अपराधबोध लगता है सब आँखें घूर रही हैं ढूंढ रही हैं कुछ अलग कुछ अजीब मेरे व्यक्तित्व में पूँछ रही … Continue reading “अपराधबोध”
कब तक चुप रहती कब तक चुप रहती न चीखती- चिल्लाती शरीर को भेदती नजरों के विरोध में आखिर कब … Continue reading कब तक चुप रहती- कविता
जानवर छुप गई थी वो एक अँधेरे कमरे में अपनी जान बचाकर उस उन्मादी भीड़ से और कर रही थी … Continue reading कविता- जानवर