और ढाई साल …

पहनकर रंगीन कपड़े वो लोटता है जमीन पर, निहारता है पेड़ रोशनी और घास, पहचानता है देह की गंध प्रेम … Continue reading और ढाई साल …

शहतूत..

कुछ समेटती है कुछ छाँटती है मनीप्लांट के मोहल्ले में एक बुढ़िया पेड़ के अपने शहतूत बाँटती है! अश्वनी राघव … Continue reading शहतूत..