अकेली

वो चौहत्तर की हैं
अक्सर
अस्पताल आती हैं
बैठती हैं
बातें करती हैं
रोती हैं
दुआएं देती हैं
चली जाती हैं
वो फिर आतीं हैं
बैठती हैं
बातें करती हैं
रोती हैं
दुआएं देती हैं
चली जाती हैं
वो बीमार नहीं हैं
अकेली हैं
भरे पूरे परिवार में
अकेली।

अश्वनी राघव “रामेंदु “

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