भीड़

भीड़ भय है,भीड़ भाव है,भीड़ लूट हैभीड़ अभाव हैभीड़ दिशा हैभीड़ भटकाव हैभीड़ उत्सव हैभीड़ शोक हैभीड़ हिंसा हैभीड़ पश्चाताप … Continue reading भीड़

आदमी

न लिखा गयान सुनाया गयान उस परकभी बात हुईकभी रोनाजो चाहातो तानों कीबरसात हुई , दर्द  झेलादुःख पियासपनों केगले घोंटेबने … Continue reading आदमी

बधाई..

न मैंनेस्टेटस लगायाऔर नफेसबुक परफ़ोटो लगाईमिला ही नहींमुझे कोईजिसे दी जाएशिक्षक दिवस कीबधाई, ऐसा भी नहींमैने दिमाग़ परज़ोर नही डालाया … Continue reading बधाई..

अकेली

वो चौहत्तर की हैंअक्सरअस्पताल आती हैंबैठती हैंबातें करती हैंरोती हैंदुआएं देती हैंचली जाती हैंवो फिर आतीं हैंबैठती हैंबातें करती हैंरोती … Continue reading अकेली

उसके बाद

प्रेम कहानी केमुकम्मल होने के बादकुछ अरसे बादमैंने उसे देखाउसने ईधर देखाउधर देखामेरी पलकें झुक गईं,मैने उससे कुछ कहाउसने इसको … Continue reading उसके बाद

राजा..

राजा बचपन मेंमाँ बोली, बेटा“शेर”जंगल काराजा होता है,मन नेचित्र उकेरापूरे फ्रेम में राजानुकीले दाँतपैने नाखूनों वाला कल मैं अपनेबेटे से … Continue reading राजा..

सपने में

मैंने सपने मेंघर बनायाहक़ीक़त मेंबेघर रहा,मैंने सपने मेंपैसे कमायेहकीकत मेंमफ़लश रहामैंने सपने मेंइज्ज़त कमाईहकीकत मेंबेइज्जत हुआमैंने सपने मेंआवाज़ उठाईहकीकत मेंसहता … Continue reading सपने में

ज़रूरी शर्त..

हत्याअगर सजातीय होया यूँ कहिएअपनो के बीच होतो ख़बर नही बनतीन अखबारों मेंन घरों मेंन  गली-मोहल्लों में, ख़बर बननेखलबली मचनेऔर … Continue reading ज़रूरी शर्त..