बधाई..

न मैंनेस्टेटस लगायाऔर नफेसबुक परफ़ोटो लगाईमिला ही नहींमुझे कोईजिसे दी जाएशिक्षक दिवस कीबधाई, ऐसा भी नहींमैने दिमाग़ परज़ोर नही डालाया … Continue reading बधाई..

अकेली

वो चौहत्तर की हैंअक्सरअस्पताल आती हैंबैठती हैंबातें करती हैंरोती हैंदुआएं देती हैंचली जाती हैंवो फिर आतीं हैंबैठती हैंबातें करती हैंरोती … Continue reading अकेली

उसके बाद

प्रेम कहानी केमुकम्मल होने के बादकुछ अरसे बादमैंने उसे देखाउसने ईधर देखाउधर देखामेरी पलकें झुक गईं,मैने उससे कुछ कहाउसने इसको … Continue reading उसके बाद

राजा..

राजा बचपन मेंमाँ बोली, बेटा“शेर”जंगल काराजा होता है,मन नेचित्र उकेरापूरे फ्रेम में राजानुकीले दाँतपैने नाखूनों वाला कल मैं अपनेबेटे से … Continue reading राजा..

सपने में

मैंने सपने मेंघर बनायाहक़ीक़त मेंबेघर रहा,मैंने सपने मेंपैसे कमायेहकीकत मेंमफ़लश रहामैंने सपने मेंइज्ज़त कमाईहकीकत मेंबेइज्जत हुआमैंने सपने मेंआवाज़ उठाईहकीकत मेंसहता … Continue reading सपने में

ज़रूरी शर्त..

हत्याअगर सजातीय होया यूँ कहिएअपनो के बीच होतो ख़बर नही बनतीन अखबारों मेंन घरों मेंन  गली-मोहल्लों में, ख़बर बननेखलबली मचनेऔर … Continue reading ज़रूरी शर्त..

एक दिन ..

एक दिनचट्टान बनरोक लेंगीउन्मादियों कोकपकपातीं टांगे, एक दिनजोर से चींखेंगीबंद पड़ी जुबानेमाँगेंगीअपना हक़, एक दिनछीन लेंगेरहनुमाओं सेअपना हिस्साभूखे लोग एक … Continue reading एक दिन ..

धर्म..

उनका धर्मआपके धर्म सेसिर्फ़ इतना अलग हैजितनासियासत से भगवानजितनाहुल्लड़ से ध्यानजितनाहिंसा से प्यारजितनीफूल से तलवारजितनेअर्चना से नारेजितनेरक्षक से हत्यारेजितनीदान से … Continue reading धर्म..